Cg News | धान के समर्थन मूल्य की अंतर राशि के भुगतान का रास्ता साफ

CG News | Paving the way for payment of difference amount of support price of paddy

रायपुर। मोदी की एक और गारंटी को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जल्द पूरा करने वाले हैं। धान के समर्थन मूल्य की अंतर राशि के भुगतान का रास्ता साफ हो गया है। आज पेश किये गये अनुपूरक बजट में किसानों के लिए अंतर राशि का प्रावधान किया गया है। खास बात ये है कि ये राशि राज्य सरकार अन्नदाताओं को कृषक उन्नति योजना के तहत देगी। आपको याद होगा, पूर्व की भूपेश सरकार किसान न्याय योजना के नाम से योजना का संचालन करती थी, जिसके तहत अतिरिक्त राशि का भुगतान किसानों को किया जाता था, लेकिन किसानों को भाजपा सरकार अब कृषक उन्नति योजना के तहत अंतर राशि का भुगतान करेगी।

आपको बता दें कि प्रदेश में भाजपा ने किसानों को 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से राशि के भुगतान का वादा किया है। अभी प्रदेश में केंद्र सरकार की तरफ से निर्धारित समर्थन मूल्य पर ही धान की खरीदी हुई है। लेकिन जल्द ही 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से अंतर राशि का भुगतान शुरू कर दिया जायेगा। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय कई मौके पर अन्नदाताओं को ये भरोसा दिला चुके हैं, कि 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से एकमुश्त राशि का इंतजार किसानों को ज्यादा नहीं करना होगा, अब अनुपूरक में इस बात का प्रावधान होने के बाद उम्मीद है कि जल्द ही किसानों के खाते में अंतर राशि जमान होनी शुरू हो जायेगी।

अनुपूरक बजट में किसानों को अंतर की राशि के भुगतान के लिए करीब 12 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसी योजना के तहत किसानों को मिलेगी समर्थन मूल्य से 3100 रुपये के अंतर की राशि वितरित होगी। आंकड़ों की बात करें तो किसानों को करीब 900 रुपये प्रति क्विंटल अंतर की राशि मिलनी है।

24.72 लाख किसानों ने बेचा 144.92 लाख मीट्रिक टन धान –

छत्तीसगढ़ राज्य में किसानों से बीते 96 दिनों से समर्थन मूल्य पर जारी धान खरीदी का सिलसिला रविवार को खत्म हो गया। समर्थन मूल्य पर 144.92 लाख मीटरिक टन धान की रिकॉर्ड खरीदी हुई है। उपार्जित धान की यह मात्रा बीते खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में क्रय किए गए 107.53 लाख मीटरिक टन से 37.39 लाख मीटरिक टन अधिक है। राज्य में इस साल धान खरीदी का यह नया रिकॉर्ड कायम हुआ है, जबकि अभी अंतिम रिपोर्ट आना बाकी है।

यहां यह उल्लेखनीय है कि राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का सिलसिला 01 नवम्बर 2023 से शुरू हुआ था। चालू खरीफ विपणन वर्ष में धान खरीदी की अंतिम तारीख 31 जनवरी निर्धारित थी। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने किसानों एवं किसान प्रतिनिधियों की मांग और उनकी परेशानियों को देखते हुए धान खरीदी की अवधि 31 जनवरी से बढ़ाकर 4 फरवरी कर दी थी। इसका फायदा राज्य के ऐसे किसानों को मिला है, जो 31 जनवरी तक कतिपय कारणों से अपना धान नहीं बेच पाए थे। मुख्यमंत्री के इस संवेदनशील फैसले से 19 हजार से अधिक किसान लाभान्वित हुए हैं और उन्होंने एक फरवरी से लेकर 4 फरवरी के मध्य समर्थन मूल्य पर 2.69 लाख टन धान बेचा है। अंतिम रिपोर्ट आने पर किसानों की संख्या और उनके द्वारा बेचे गए धान की मात्रा में और वृद्धि होने की संभावना है।

राज्य में चालू खरीफ विपणन वर्ष में 130 लाख टन धान का उपार्जन अनुमानित था। धान की रिकॉर्ड खरीदी के चलते अनुमानित उपार्जन का आंकड़ा काफी पीछे छूट गया है। इस साल धान बेचने के लिए राज्य के 26.85 लाख किसानों ने अपना पंजीयन कराया था। पंजीकृत धान का रकबा 33.51 लाख हेक्टेयर था। 4 फरवरी शाम सात बजे तक राज्य में 24 लाख 72 हजार 310 किसान समर्थन मूल्य पर 144 लाख 92 हजार टन धान बेच चुके थे। किसानों को धान बेचने के एवज में अब तक 30 हजार 68 करोड़ 81 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है।

राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की व्यवस्था के समानांतर कस्टम मिलिंग का काम भी तेजी से जारी है। उपार्जित धान 144.92 लाख टन में से 105.18 लाख टन धान के उठाव का डीओ जारी किया जा चुका है, जिसके विरूद्ध मिलर्स द्वारा 97.90 लाख टन धान का उठाव किया जा चुका है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *