Chhattisgarh | जंगल में महुआ बीनने गई महिला को हाथियों ने कुचला, मौत

Chhattisgarh | Woman who went to collect Mahua in the forest crushed by elephants, dies

अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ व झारखंड की सीमा पर बलरामपुर जिले के ग्राम चिनिया से लगे जंगल में महुआ बीनने गई महिला को हाथियों ने कुचल कर मार डाला। महिला अपने पति के साथ महुआ बीनने गई थी। पति लौट आया था। शाम तक महिला के वापस नहीं आने पर पता चला कि हाथी के हमले से उसकी मौत हो गई है। ग्रामीणों के सहयोग से महिला के क्षत विक्षत शव को जंगल से बाहर निकाल लिया गया है। क्षेत्र में अभी भी नौ हाथी विचरण कर रहे हैं।

रामानुजगंज वन परिक्षेत्र के ग्राम पंचायत चिनिया की पूर्व सरपंच कलावती सिंह (60) मंगलवार को पति लक्ष्मण सिंह के साथ महुआ बिनने गांव से लगे जंगल गई थी। पति सुबह लौट आया था। कलावती सिंह अपने साथ खाना एवं पानी लेकर गई थी। दिनभर महुआ बीनने के बाद उसे शाम तक वापस लौटना था। क्षेत्र में हाथियों की उपस्थिति की जानकारी भी नहीं थी। शाम तक कलावती सिंह वापस नहीं लौटी तो घरवाले जंगल गए। जंगल में उसका शव मिला। हाथियों ने बुरी तरह से शव को कुचल दिया था।

चिनिया क्षेत्र झारखंड से लगा है। सिर्फ कनहर नदी पार करना होता है। क्षेत्र में नौ हाथी विचरण कर रहे है। चिनिया गांव की सीमा से लगे कन्हर नदी को पार कर रात को हाथियों का दल झारखंड पहुंच गया था। वहां से दल सुबह फिर से चिनिया के जंगल में लौट आया एवं शिवपुर क्षेत्र में डटा हुआ है। गांवों में मुनादी कराकर लोगों को जंगल न जाने की सलाह दी जा रही है। हाथियों का यह दिल पिछले कई दिनों से छत्तीसगढ़ और झारखंड के सीमावर्ती इलाके में ही विचरण कर रहा है।

बताया जा रहा है कि इस दल में एक दंतैल हाथी भी है यह बीच-बीच में दल से अलग होकर अकेले ही विचरण करता है। इसी हाथी द्वारा महिला को कुचलकर मारने की संभावना जताई जा रही है। अभी भी जंगल में हाथियों की उपस्थिति है। इस कारण ग्रामीणों को जंगल नहीं जाने की सलाह दी जा रही है। बताते चलें कि पिछले दिनों अंबिकापुर शहर से लगे एक गांव में भी महुआ बीनने गई महिला को हाथियों ने घायल कर दिया था। इस सीजन में जंगल जाकर महुआ बीनना खतरनाक होता है तेंदूपत्ता संग्रहण के समय भी हाथियों के कारण ज्यादा सतर्कता बरतनी पड़ती है।

 

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