Chhattisgarh | Sharma Hospital operator and his associates cannot prove themselves innocent by accusing me – Dr. Prince
बैकुंठपुर। बैकुंठपुर निवासी और जिले के पूर्व डीपीएम डॉ. प्रिंस जायसवाल जोकि वर्तमान में सूरजपुर जिले में जिला कार्यक्रम प्रबंधक के पद पर कार्यरत हैं। उन्होने एक सप्ताह पहले बैकुण्ठपुर नगर पालिका के पार्षद संजय जायसवाल के द्वारा थाना प्रभारी सूरजपुर सौपे गये शिकायत पत्र के संबध में सफाई देते हुए कहा है कि उन्हे मीडिया एवं सोशल मीडिया से जानकारी मिला कि संजय जायसवाल के द्वारा मेरे पीजी डिग्री के संबंध में जांच करवाकर मेरे विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है।
उन्होने कहा कि आरटीआई द्धारा संजय जायसवाल के द्वारा अनाधिकृत तौर पर मेरे पीजी डिग्री की प्रति प्राप्त कर 01 फरवरी 2024 को अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, रायपुर में मेरे पीजी डिग्री की जांच कराने हेतु शिकायत किया गया था। जिसके आधार पर सचिव, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के द्वारा मिशन संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को उक्त प्रकरण पर जांच कर आवश्यक कार्यवाही करने हेतु पत्र प्रेषित किया गया था।
जिस पर मेरे पीजी डिग्री संबंधित समस्त दस्तावेजों का वेरिफिकेशन विश्वविद्यालय से कराया गया। जिसमें संजय जायसवाल के द्वारा किये गये समस्त शिकायत असत्य, तथ्यहिन एवं निराधार पाऐ गए थे। संजय जायसवाल द्वारा अपने पूर्व में किये गये शिकायत के परिणाम से अवगत होने के बजाए बिना साक्ष्य एवं वास्तविक तथ्य के मेरे विरूद्ध थाना सूरजपुर में फर्जी शिकायत प्रेषित कर मीडिया एवं सोशल मीडिया के माध्यम से प्रसारित करने से मेरी प्रतिष्ठा समाज एवं शासकीय विभागों में मेरे जानने पहचानने वाले एवं अन्य लोगों के बीच धूमील हुई है। तथा वर्तमान में भी हो रही है जिससे मैं मानसिक, आर्थिक रूप से आहत हुआ हूं।
संजय जायसवाल के द्वारा मेरे विरूद्ध थाने में फर्जी शिकायत कर मिडिया एवं सोशल मिडिया में प्रसारित करने के संबंध में मेरे द्वारा शिकायतकर्ता के विरूद्ध परिवाद प्रस्तुत किया जाऐगा।
उन्होने कहा कि संजय जायसवाल शर्मा हॉस्पिटल, बैकुण्ठपुर के संचालक डॉ. राकेश कुमार शर्मा का सहयोगी है। इस संबंध में मेरे द्वारा लगातार पुलिस एवं प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को लिखित शिकायत किया गया है कि डॉ. राकेश कुमार शर्मा एवं उनके सहयोगीयों के द्वारा प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष तौर पर तरह-तरह के झुठे आरोपों एवं शिकायतों के द्वारा लगातार मुझे परेशान किया जा रहा है। इससे मुझे यह आशंका हो चली है की इनके द्वारा मुझे किसी भी प्रकार के एसटी-एससी एक्ट/अन्य सुनुयोजीत षड्यंत्र के तहत फसाने का प्रयास किया जा सकता है।
शर्मा हॉस्पिटल, बैकुण्ठपुर के संचालक डॉ. राकेश कुमार शर्मा के द्वारा गर्भधारण पूर्व और प्रसवपूर्व निदान तकनिक अधिनियम, 1994 पी.सी.पी.एन.डी.टी. एक्ट, 2013 नर्सिंग होम एक्ट के लगातार उल्लंधन के कारण उच्च न्यायालय के निर्देश पर जांच कर जिला प्रशासन के द्वारा शर्मा हॉस्पिटल को सीलबंद की कार्यवाही की गई थी। एक्ट के प्रावधानों के लगातार उल्लंधन के कारण शर्मा हॉस्पिटल में एक वर्ष के भीतर 02 बार सीलबंद की कार्यवाही की गई है।
उन्होने आरोप लगाते हुए शर्मा हॉस्पिटल के संचालक डॉ. राकेश कुमार शर्मा के सबंध में कहा कि एक आदतन अपराधी हैं जो एक आदिवासी नाबालिक लड़की के अवैध गर्भपात की शिकायत पर थाना चिरमिरी एवं बैकुण्ठपुर अजाक थाना में पास्को एवं एस.सी. एक्ट प्रकरण में स्वयं माननीय उच्च न्यायालय में विचाराधीन प्रकरण में जमानत पर हैं। शर्मा हॉस्पिटल के संचालक डॉ. राकेश कुमार शर्मा के द्वारा स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत केंद्र एवं राज्य सरकार के महत्वाकांक्षी योजना में 1357.42 लाख के 18206 क्लेम्स में भ्रष्टाचार एवं अनियमितता के आरोप हैं। शर्मा हॉस्पिटल के संचालक द्वारा गर्भ का चिकित्सकीय समापन अधिनियम 1971 का लगातार उल्लंधन किया जा रहा है।
यह कि शर्मा हॉस्पिटल के संचालक भारतीय जनता पार्टी, कोरिया जिला के संयोजक हैं एवं उनकी पुत्रीयां प्रशासनिक सेवा में वरिष्ठ पदों पर कार्यरत हैं। इन तमाम प्रकरणों में इनके विरूद्ध कार्यवाही न होने से इनका हौसला लगातार बढ़ता जा रहा है, इनको यह भ्रम हो गया है की प्रशासन एवं पुलिस इनके विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं कर सकता, जिसका ये दावा भी सरेआम करते हैं। पार्षद संजय जायसवाल जोकि डॉ. राकेश कुमार के सहयोगी होने के कारण उनके विरूद्ध लगातार असत्य, झूठ एवं तथ्यहिन शिकसयत कर रहे हैं।