CG Fraud Cheating of lakhs in the name of getting job in police department
बिलासपुर। हाईकोर्ट में डाटा एंट्री ऑपरेटर व बड़े भाई का पुलिस विभाग में नौकरी लगाने के नाम पर शातिर ठगों ने युवक से 1 लाख 64 हजार रुपए की धोखाधड़ी को अंजाम दिया है। पीड़ित ने बताया कि आरोपी से उसकी पहचान अपने दोस्त के माध्यम हुई थी। उसने खुद को हाईकोर्ट में पदस्थ बताया था। सिविल लाइन पुलिस मामले में अपराध दर्ज कर जांच को आगे बढ़ा रही है।
पुलिस के अनुसार भुरसीडीह बाराद्वार सक्ती निवासी कैलाश बहादुर पिता रूपनारायण राठौर (20) भिलाई स्टील प्लांट में डाटा एंट्री ऑपरेटर की ट्रेनिंग कर रहे हैं। कैलाश ने सिविल लाइन पुलिस को बताया कि दोस्त अमर सिंह धनवार निवासी चांपा के साथ बिलासपुर हाईकोर्ट में डाटा एंट्री ऑपरेटर के लिए ऑफ लाइन आवेदन किया था। दोस्त अमर सिंह धनवार ने बताया कि उसकी नौकरी बिलासपुर हाईकोर्ट में लगने वाली है।
हाईकोर्ट बिलासपुर में चंद्रकांत पाण्डेय ने 2 लाख 50 हजार में नौकरी लगवाने के लिए बात की है। हाईकोर्ट में नौकरी लगने के लालच में पीड़ित कैलाश बहादुर ने चंद्रकांत से बात की और नौकरी लगाने के लिए रुपए देने की बात कही। विभिन्न किस्त में कैलाश बहादुर ने चंद्रकांत व साथी को 1 लाख 64 हजार रुपए दे दिया।
रुपए लेने के बाद आनंद 3 जून को बुलाकर ज्वाइनिंग लेटर दिया। चंद्रकांत व आनंद ने कैलाश बहादुर से कहा कि ज्वाइनिंग में परेशानी होगी तो बताएगा। कैलाश जब नौकरी का ज्वानिंग लेटर लेकर पहुंचा तो पता चला वह फर्जी नियुक्ति पत्र है। ठगी का अहसास होने पर पीड़ित कैलाश बहादुर ने सिविल लाइन थाने में एफआईआर दर्ज कराई।
एएसपी उमेश कश्यप का कहना है कि शासकीय संस्थान पुलिस विभाग हो या अन्य नौकरी लगने का कोई भी शार्टकट नहीं होता है। अगर कोई आप से नौकरी लगाने के नाम पर रुपए की मांग करता है तो समझ लीजिए वह आपके साथ ठगी कर रहा है। ऐसे शातिर लोगों की थाने में जब शिकायत करनी चाहिए। पुलिस (CG Fraud) मामले में अपराध दर्ज शातिर आरोपियों को गिरफ्तार कर रही है।
कैलाश बहादुर ने बताया कि बताया कि आनंद ने उसकी हाईकोर्ट में नौकरी लगाने के साथ भाई अनिल बहादुर की भी पुलिस विभाग में नौकरी लगवाने का झांसा दिया था। 3 जून को दोनों भाइयों को बुलाकर फर्जी नियुक्ति पत्र दिया। दोनों भाई जब ज्वाइनिंग को लेकर पहुंचे तो घटना का पता चला। पुलिस को उम्मीद है मामले में और भी पीड़ित होंगे जो उन शातिर ठगों का शिकार हो चुके हैं।
आईजी कार्यालय में पदस्थापना के दौरान शातिर ठग आरक्षक पंकज शुक्ला ने अपने जीजा रमाशंकर पांडेय के साथ मिलकर महेश व अन्य 21 लोगों से 1 करोड़ 13 लाख रुपए ले लिया था। आरोपी व उनके जीजा ने डीजीपी कोटे से नौकरी लगाने का झांसा देकर फर्जी ज्वाइनिंग लेटर देकर ठगी की थी। घटना सामने आने के बाद आईजी ने आरोपी को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया था।।
कपिल नगर निवासी स्वाति पाण्डेय व उनके भाई ऋषभ पांडेय को आईटीआई में नौकरी लगाने का झांसा देकर शातिर ने ठगी की थी। भाई बहन से आरोपी नीरज लाल ने नौकरी लगाने के बदले 3-3 लाख लेकर भारत सरकार श्रम एवं रोजगार मंत्रालय का फर्जी नियुक्ति पत्र देकर कंपोजिट बिल्डिंग भेजा। तीसरी मंजिल स्थित जेडी ऑफिस में ज्वाइन लेटर लेकर पहुंचे तो नियुक्ति आदेश फर्जी निकला था।