Cg Breaking | क्या है DMF और PDS प्रकरण ? पूर्व कलेक्टर रानू साहू सहित इन सभी पर FIR ..

CG Breaking | What is DMF and PDS issue? FIR against all of them including former collector Ranu Sahu..

रायपुर। छत्‍तीसगढ़ के कथित राशन घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय की रिपोर्ट के आधार पर राज्‍य के एंटी करप्‍शन ब्‍यूरो ने सोमवार को दो मुकदमे दर्ज किए। डीएमएफ फंड में करोड़ो के वित्तीय घोटाले पर पूर्व कलेक्टर रानू साहू सहित 10 अन्य पर मामला दर्ज किया गया है। साथ ही पीडीएस घोटाले में पूर्व एमडी सहित अन्य को भी आरोपी बनाया गया है। आरोप है कि निजी कंपनियों को टेंडर देने की आड़ में बड़ी धांधली की गई। कमीशन की आड़ में करोड़ो के वारे न्यारे किए गए।

डीएमएफ फंड को लेकर कोरबा की पूर्व कलेक्टर रानू साहू पर मामला दर्ज किया गया है। टेंडर देने वाले संजय शेंडे, अशोक कुमार अग्रवाल, मुकेश कुमार अग्रवाल, बिचौलिया मनोज कुमार दिवेदी, रवि शर्मा सहित अन्य पर मामला दर्ज किया गया है। पीडीएस घोटाले में मार्कफेड के पूर्व एमडी मनोज सोनी, डिप्टी मार्केटिंग आफिसर पूजा प्रितिका केरकेट्टा, राइस मिल संगठन के पूर्व अध्यक्ष कैलाश रुंगटा सहित अन्य पर मामला दर्ज हुआ है। पेश मामले में छापेमारी के दौरान आयकर की टीम ने 1.6 करोड़ का कैश भी बरामद किया था।

ईडी की रिपोर्ट में क्‍या कहा गया ?

ईडी की रिपोर्ट पर एसीबी ने अपराध क्रमांक-02/2024 में धारा- 120बी (आपराधिक षडयंत्र), 420 (धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। केंद्रीय एजेंसी की रिपोर्ट में कहा गया कि कोरबा जिले में डीएमएफ से टेंडर्स के आवंटन के वक्‍त बड़े स्‍तर पर रुपयों का लेन-देन हुआ। मनमाने तरीके से टेंडर की दरें तय की गई ताकि कुछ ठेकेदारों को सीधे तोर पर फायदा पहुंचाया जा सके। इस पूरी कवायद से छत्‍तीसगढ़ सरकार को मोटा नुकसान पहुंचा।

क्या है डी.एम.एफ. प्रकरण ?

प्रवर्तन निदेशालय के रिपोर्ट पर यह पाया गया कि डी.एम.एफ. कोरबा के फंड से विभिन्न निविदाओं के आंबटन में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताएं की गई है। वहीं गलत ढंग से निविदाओं को निर्धारण कर निविदाकर्ताओं को अवैध लाभ पहुंचाया गया है, जिसके कारण शासन को आर्थिक हानि हुई है।

प्रतिवेदन में यह भी पाया गया कि कुल निविदा राशि में लगभग 40 प्रतिशत की राशि लोकसेवक अधिकारियों को इस एवज में दिया गया और निजी कम्पनी के द्वारा निविदाओं पर 15 से 20 प्रतिशत अलग-अलग दरों से कमीशन प्राप्त किया गया है। छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में डी.एम.एफ. में काफी बड़ी मात्रा में वित्तीय अनियमितता की गई है।

प्रथम दृष्टया यह पाया गया है कि रानू साहू और अन्य लोकसेवकों के द्वारा लोकसेवक के रूप में पदस्थ होते हुए अपने-अपने पद का दुरूपयोग कर विभिन्न निविदाकर्ता संजय शेण्डे, अशोक कुमार अग्रवाल, मुकेश कुमार अग्रवाल, रिषभ सोनी और बिचौलिएं मनोज कुमार द्विवेदी, रवि शर्मा, पियूष सोनी, पियूष साहू, अब्दुल और शेखर के साथ मिलकर डी.एम.एफ. में विभिन्न प्रकार की निविदाओं के आबंटन में, बिल को पास कराने के लिए, किसी वस्तु के वास्तविक मूल्य से अधिक मूल्य के बिल प्राप्त किये गये थे। साथ ही उनका भुगतान कराने में आपस में मिलकर आपराधिक षड़यंत्र कर निविदाकर्ताओं संजय शेण्डे, अशोक कुमार अग्रवाल, मुकेश कुमार अग्रवाल, रिषभ सोनी और बिचौलिए मनोज कुमार द्विवेदी, रवि शर्मा, पियूष सोनी, पियूष साहू, अब्दुल शेखर को अवैध लाभ कारित करते हुए शासन को अवैध हानि कारित की गई।

कस्टम मिलिंग प्रकरण क्या है ?

प्रवर्तन निदेशालय रिपोर्ट पर यह पाया गया कि विभिन्न राईस मिलर्स के द्वारा नागरिक आपूर्ति निगम और एफसीआई में जो कस्टम मिलिंग का चावल जमा किया जाता है, इस प्रक्रिया में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार कर प्रति क्विंटल के हिसाब से अवैध राशि की वसूली की गई। अपने पद का दुरूपयोग करते हुये विभिन्न शासकीय अधिकारियों द्वारा राईस मिलर्स के साथ मिलीभगत कर असम्यक लाभ प्राप्त कर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाई गई।

प्रीतिका पूजा को मनोज सोनी, प्रबंध संचालक मार्कफेड के मारफत रोशन चन्द्राकर के द्वारा निर्देश था कि उन्हीं राईस मिलर्स के बिल का भुगतान किया जाना है, जिनकी वसूली की राशि रोशन चन्द्राकर को प्राप्त हुई है। किन राईस मिलर्स को भुगतान किया जाना है इसकी जानकारी संबंधित जिले के राईस मिलर्स एसोसिएशन के द्वारा मनोज सोनी के माध्यम से मिलती थी। आयकर विभाग के द्वारा की गई तलाशी से लगभग 1.06 करोड़ रुपये की नगद राशि मिली है, जिसका कोई लेखा-जोखा नहीं है। बहुत सारे आपत्तिजनक दस्तावेज एवं डिजिटल डिवाईस प्राप्त हुए हैं। लगभन 140 करोड़ रुपये की अवैध वसूली राईस मिलर्स से किया जाना पाया गया है।

राईस मिलर्स के द्वारा नागरिक आपूर्ति निगम और एफ.सी.आई. में जो कस्टम मिलिंग का चावल जमा किया जाता है, में व्यापक पैमाने में भ्रष्टाचार कर प्रति क्विंटल के हिसाब से अवैध राशि की वसूली मार्कफेड के तत्कालीन प्रबंध संचालक मनोज सोनी और तत्कालीन डिस्ट्रीक्ट मार्केटिंग ऑफिसर प्रीतिका पूजा केरकेट्टा कोरबा के द्वारा लोकसेवक के रूप में पदस्थ होते हुए अपने – अपने पद का दुरूपयोग कर, छत्तीसगढ़ स्टेट राईस मिलर्स एसोसिएशन के प्रेसीडेंट कैलाश रूंगटा, वाईस प्रेसीडेंट पारसमल चोपड़ा और कोषाध्यक्ष रोशन चन्द्राकर के साथ आपराधिक षडयंत्र कर की गई है।

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