Chhattisgarh Congress On PM Modi Congress asked 8 questions to PM Modi
रायपुर। छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने पीएम नरेंद्र मोदी के प्रदेश आने से पहले 8 सवाल पूछकर जवाब मांगे हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने प्रधानमंत्री मोदी को ओपन लेटर लिखकर पूछा कि सत्यपाल मलिक के आरोप पर पीएम मौन क्यों हैं? उन्होंने जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के लगाये आरोपों पर प्रधानमंत्री से जवाब मांगा है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने दागे सवाल –
जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के लगाए गये गंभीर आरोप पर आप मौन क्यों है, उम्मीद है छत्तीसगढ़ की जनता को जवाब देंगे?
14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में विस्फोटकों से भरी गाड़ी, सीआरपीएफ़ के 70 बसों के काफिले में चल रही एक बस से भिड़ा दी गई थी। इस आत्मघाती हमले में 40 जवान शहीद हुए थे। सत्यपाल मलिक ने पुलवामा हमले को केंद्र की लापरवाही बताया था, आपकी सरकार ने इसका खंडन क्यों नहीं किया?
जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने आरोप लगाया कि जम्मू से श्रीनगर जाने सीआरपीएफ को पांच एयरक्राफ्ट गृह मंत्रालय ने नहीं दिया, एयरक्राफ़्ट दे देते तो ये हमला नहीं होता। इस हमले के लिये केंद्र सरकार जिम्मदार थी।
सत्यपाल मलिक ने आरोप लगाया इस घटना की जानकारी प्रधानमंत्री को दी, गलती बताया तो पीएम उन्हें“ इस पर चुप रहिए“ कहा। आपने उनको चुप क्यों करवाया था?
संवेदनशील अति सुरक्षित क्षेत्र में 350 किलो आरडीएक्स से भरी गाड़ी कैसे पहुंच गयी? सत्यपाल मलिक का यह भी आरोप पुलवामा हमले के वक्त कनेक्टिंग रोड पर जवान तैनात नहीं थे। उस समय पुलिस तो केंद्र सरकार के ही अधीन थी। उन्हें इसकी जानकारी क्यों नहीं थी? अगर थी तो इस पर उन्होंने क्या कार्रवाई की? किस तरह की जांच बाद में उन्होंने बिठाई?“
मलिक ने यह भी कहा जम्मू-कश्मीर और गोवा का राज्यपाल रहते हुए उन्होंने कई बार भ्रष्टाचार का मुद्दा प्रधानमंत्री के सामने उठाया, लेकिन कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई?
मलिक का आरोप है प्रधानमंत्री के करीबी लोग उनके पास जम्मू-कश्मीर में दलाली का काम लेकर आये, जिसमें उन्हें 300 करोड़ रुपये का ऑफर था।
मलिक ने कहा जनवरी, 2022-“मैं किसानों के मामले में जब प्रधानमंत्री से मिलने गया तो मेरी पांच मिनट में लड़ाई हो गई। वो बहुत घमंड में थे। जब मैंने उनसे कहा कि हमारे पांच सौ लोग मर गए हैं। “उन्होंने किसानों की समस्या नहीं सुना।