Chhattisgarh | महिला एवं बाल विकास एवं समाज कल्याण विभाग के लिए अनुदान मांगे पारित 

Chhattisgarh | Demands for grants for Women and Child Development and Social Welfare Department passed
रायपुर। महिला एवं बाल विकास एवं समाज कल्याण मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े के विभागों के लिए वर्ष 2024-25 के लिए 3009 करोड़ 28 लाख 14 हज़ार रुपए की अनुदान मांगे छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज पारित की गई। इनमें समाज कल्याण विभाग से संबंधित व्यय के लिए मांग संख्या 34 के तहत 121 करोड़ 76 लाख 27 हज़ार रुपए और महिला एवं बाल विकास विभाग के लिए मांग संख्या 55 के तहत 2887 करोड़ 51 लाख 87 हजार रूपए की अनुदान मांगे शामिल हैं।
 महिला एवं बाल विकास विभाग 
महिला एवं बाल विकास मंत्री राजवाड़े ने विभाग के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 हेतु कुल राशि 5682 करोड़ 85 लाख 83 हजार रूपए की अनुदान मांगें छत्तीसगढ़ राज्य की महतारियों को समर्पित करते हुए कहा कि यह बजट प्रदेश की नारी शक्ति, किशोरी बेटियों और नौनिहालांे के विकास में मील का पत्थर साबित होगा।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने यह संकल्प लिया है कि प्रदेश की महिलाओं को आर्थिक रूप से संबल बनाएगी तथा उनका सशक्तिकरण करेगी। यह वादा हमने निभाया और लगभग सभी पात्र महिलाओं को 1000 रूपये प्रतिमाह उनके खाते में अंतरित करने का निर्णय लिया है। आगामी माह में राशि का अंतरण भी प्रारंभ कर देंगे। महतारी वंदन योजना में लगभग 8000 करोड़ रूपये का व्यय संभावित है। इसके लिए वर्ष 24-25 में प्रथम चरण में 3000 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। इससे महिलाओं के सामाजिक आर्थिक सशक्तिकरण मंे सहायता मिलेगी।
राजवाड़े ने कहा कि कामकाजी महिलाओं के बच्चों की देखभाल हेतु 1500 स्थानांे पर पालना केन्द्रों हेतु बजट में 20 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि बच्चों का स्वास्थ्य एवं पोषण हमारी सरकार की प्राथमिकता में है। बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण के लिए बजट में 82.80 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। कुपोषण दूर करने पोषण आहार हेतु बजट में 700 करोड़ का प्रावधान किया गया है। बजट में 1000 कन्या शालाओं, महाविद्यालयों में सेनेटरी नेपकिन वेडिंग मशीन हेतु 13 करोड़ का प्रावधान है। ग्रामीण क्षेत्रों में आंगनबाड़ी भवनों के लिए 24 करोड़ रूपए और शहरी क्षेत्रों में 100 आंगनबाडी हेतु 12 करोड़ रूपये का प्रावधान और आंगनबाड़ी को नर्सरी स्कूलों की तरह विकसित करने के लिए 29 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान किया गया है। मिशन शक्ति हेतु 10 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। छत्तीसगढ़ महिला कोष से स्व-सहायता समूहों तथा महिलाओं को ऋण योजना का लाभ दिलाने हेतु 25 करोड़ 20 लाख का प्रावधान।
राजवाड़े ने कहा कि वर्ष 2024-25 में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना हेतु 7600 कन्याओं के विवाह का लक्ष्य रखते हुए 38 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना हेतु 116 करोड़ 56 लाख रूपये और मिशन वात्सल्य के लिए 94 करोड़ 80 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। साथ ही महिला सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए 5 करोड़ 27 लाख रूपए का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि महिला हेल्पलाइन नम्बर (181), चाइल्ड हेल्पलाइन नम्बर (1098) के एकीकरण टोल फ्री नम्बर 112 हेतु 75 करोड़ 71 लाख रूपये का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष योजनाओं और सेवाओं में उन्नत तकनीक अपनाने के लिए विभाग को डिजिटलाईजेशन करने के लिए बजट में 5 करोड़ 75 लाख रूपये का बजट प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि गत सरकार द्वारा संचालित 25 योजनाओं का युक्तियुक्तकरण किया गया है और इन योजनाओं को 10 अम्ब्रेला योजना के रूप में संचालित करने का निर्णय लिया है। छत्तीसगढ़ महिला कोष द्वारा महिला स्व-सहायता समूहों को ऋण योजना के लिए 25 करोड़ 20 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है।
समाज कल्याण विभाग
मंत्री राजवाड़े ने बताया कि वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगजनों और उभयलिंगी व्यक्तियों के साथ ही अन्य व्यक्तियों के लिए विभागीय योजनाओं से संबंधित किसी भी समस्या के त्वरित निराकरण के लिए हेल्पलाइन नंबर 155326 या टोल फ्री नंबर 1800-233-8989 संचालित है। इसके लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में एक करोड़ 30 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। नशापान की प्रवृत्ति पर प्रभावी नियंत्रण के लिए राज्य के सभी विकासखण्डों के ग्राम पंचायतों में 2951 भारतमाता वाहिनी का गठन किया गया है। इसके लिए बजट में 10 करोड़ रूपए का प्रावधान है।
राजवाड़े ने कहा कि दिव्यांग व्यक्तियों को पीआरआरसी सेंटर के माध्यम से अत्याधुनिक कृत्रिम अंग और सहायक उपकरण प्रदाय करने के लिए एक करोड़ 59 लाख 72 हजार रूपए का प्रावधान है। दिव्यांग व्यक्तियों के सामाजिक पुनर्वास के लिए निःशक्त जन विवाह प्रोत्साहन योजना के लिए 4 करोड़ रूप्ए का प्रावधान किया गया है। योजना के तहत दिव्यांग दम्पति को एकमुश्त एक लाख रूपए की सहायता दी जाती है। दिव्यांग व्यक्तियों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए संबल योजना के तहत एक करोड़ 91 लाख रूपए और वृ़द्धाश्रमों के संचालन के लिए 4 करोड़ 15 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है।

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