Chhattisgarh Sharab Ghotala | अनवर ढेबर और अरविंद सिंह को कोर्ट से नहीं मिली राहत

Chhattisgarh liquor scam Anwar Dhebar and Arvind Singh did not get relief from the court

रायपुर। छत्तीसगढ़ में हुए शराब घोटाले केस में कारोबारी अनवर ढेबर और अरविंद सिंह को कोर्ट से राहत नहीं मिली। रिमांड खत्म होने पर सोमवार को ईओडब्ल्यू ने जज निधी शर्मा तिवारी की कोर्ट में दोनों को पेश किया। ईओडब्ल्यू की ओर से फिर से पूछताछ के लिए आठ दिन की रिमांड मांगा पर कोर्ट ने चार दिन की रिमांड मंजूर कर 12 अप्रैल तक दोनों को भेजने का आदेश सुनाया।

ईओडब्ल्यू की ओर से अधिवक्ता डा.सौरभ पांडेय ने जज को बताया कि आरोपितों से पूछताछ में अभी तक उनके सवालों के जवाब नहीं मिले हैं। लिहाजा 16 अप्रैल तक रिमांड पर देने आवेदन पेश किया। दोनों पक्षों के बहस सुनने के बाद जज ने फैसला सुरक्षित रखा फिर देर शाम को 12 अप्रैल तक के लिए रिमांड मंजूर करने का आदेश सुनाया। गौरतलब है कि ईओडब्ल्यू ने कारोबारी अनवर ढेबर और अरविंद सिंह गुरुवार को ही गिरफ्तार किया था। दोनों जमानत पर थे।

पूछताछ में अधिकारियों के छूट रहे पसीने –

अनवर ढेबर और अरविंद सिंह से लगातार तीन दिनों तक की गई पूछताछ में ईओडब्ल्यू को कोई खास जानकारी नहीं मिली है।दोनों आरोपित सवालों का जवाब नहीं दे रहे हैं।उनका एक ही जवाब होता है कि उन्हें जानकारी नहीं है या वे ईडी के अधिकारियों को पहले ही सब कुछ बता चुके हैं।दोनों के रटे रटाए जवाब सुनकर अधिकारियों के पसीने छूट रहे हैं। अधिकारियों ने दोनों को आमने-सामने बैठाकर भी पूछताछ की पर कोई नई जानकारी हाथ नहीं लगी।

आबकारी उपायुक्त और जिला अधिकारियों को पूछताछ के लिए बुलाया –

शराब घोटाले मामले में ईओडब्ल्यू ने कई आबकारी उपायुक्त और जिला अधिकारियों को पूछताछ के लिए तलब किया है।इन सभी के नाम दर्ज एफआइआर में है।अभी तक छह जिला अधिकारी और उपायुक्त के बयान हो चुके हैं।इन सभी से पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में सक्रिय सिंडिकेट के बारे में जानकारी ली गई।

ये सवाल पूछे –

शराब घोटाले में आरोपित बनाए गए आबकारी अधिकारियों से ईओडब्ल्यू की टीम ने पूछा कि किस तरह से शराब का ट्रांसपोर्टेशन होता है? होलोग्राम कैसे बनाया? उसे बोतल में कैसे लगाया जाता था? ओवररेट का पैसा कैसे ऊपर वालों तक गया? कौन-कौन सिंडिकेट में शामिल था? किसकी क्या भूमिका थी? पैसों का कलेक्शन कैसे होता था? इस तरह के 25 से अधिक सवाल किए गए। बयान देने पहुंचने वाले अफसरों में महिला अधिकारी भी शामिल थी।

पूर्व आबकारी मंत्री लखमा से भी होगी पूछताछ –

ईओडब्ल्यू में जिन लोगों के नाम एफआइआर में हैं, उन्हें पूछताछ के लिए नोटिस देकर बुलाया जा रहा है।पहले चरण में अधिकारियों को बुलाया जा रहा है।इसके बाद शराब कारोबारी और आखिर में नेताओं को बुलाया जाएगा।पूर्व मंत्री कवासी लखमा को भी पूछताछ के लिए बुलाने की तैयारी की गई है।

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