Rahul Gandhi | लोकतंत्र का चीरहरण करने वालों पर निश्चित कार्रवाई होगी – राहुल गांधी

Rahul Gandhi Definite action will be taken against those who destroy democracy – Rahul Gandhi

नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने जांच एजेंसियों को खुले तौर पर ‘धमकी’ दी है। आय कर विभाग से 1,800 करोड़ रुपए का नोटिस मिलने के बाद कांग्रेस नेता ने कहा कि ‘सरकार बदलने के बाद उन सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी जिन्होंने लोकतंत्र को तबाह किया है।’ उन्होंने आयकर विभाग के नोटिस को ‘टैक्स आतंकवाद’ बताया। आयकर विभाग ने 2017-18 से लेकर 2020-21 के लिए कांग्रेस को नया नोटिस भेजा है। इस नोटिस में जुर्माना और ब्याज दोनों शामिल है।

चीरहरण करने वालों पर निश्चित कार्रवाई होगी-राहुल –

सोशल मीडिया X पर राहुल ने कहा, ‘सरकार जब बदलेगी तो लोकतंत्र का चीरहरण करने वालों के खिलाफ निश्चित रूप से कार्रवाई होगी। यह कार्रवाई ऐसी होगी कि कोई भी इस तरह का काम करने का दुस्साहस नहीं करेगा। यह मेरी गारंटी है।’ कांग्रेस को यह नया नोटिस ऐसे समय आया है जब वह पहले से ही वित्तीय संकट का सामना कर रही है। आय कर विभाग पहले ही पार्टी पर 200 करोड़ रुपए का जुर्माना और उसके अकाउंट को फ्रीज कर दिया है। इस मामले को लेकर कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट पहुंचने वाली है।

‘भाजपा को 4617.58 करोड़ रुपए का नोटिस भेजे’ –

राहुल ने केंद्रीय जांच एजेंसियों पर भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया। कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा कि गत वर्षों में भाजपा को हजारों लोगों से चंदे मिले हैं। चंदे की इस रकम का भी लेखा-जोखा निकालना चाहिए। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश का दावा है कि भाजपा ने कर नियमों का गंभीर उल्लंघन किया है। उन्होंने आय कर विभाग से कहा कि वह भाजपा को 4617.58 करोड़ रुपए का नोटिस भेजे।

‘नारी न्याय’ गारंटी का उल्लेख –

राहुल ने पार्टी की ‘नारी न्याय’ गारंटी का उल्लेख करते हुए शुक्रवार को कहा कि 50 प्रतिशत सरकारी पदों पर महिलाओं की भर्ती से देश की हर महिला सशक्त होगी और सशक्त महिलाएं भारत की तकदीर बदल देंगी। राहुल गांधी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “आज भी 3 में से सिर्फ एक महिला के हाथ में रोज़गार क्यों है? 10 सरकारी नौकरियों में से बस एक पद पर महिला क्यों है?” उन्होंने सवाल किया, “क्या भारत में महिलाओं की आबादी 50 प्रतिशत नहीं है? क्या उच्च माध्यमिक और उच्च शिक्षा तक महिलाओं की मौजूदगी 50 प्रतिशत नहीं है? अगर है तो फिर सिस्टम में उनकी हिस्सेदारी इतनी कम क्यों?”

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